![]() ![]() क्या बना रहे हो क्या बन रहे हैंक्या दिखा रहे हो क्या दिख रहे हैंतानाशाहों के राज में समीकरण बदल रहे हैंकभी धर्म कभी जातिकभी शिक्षा तो कभी मंदिर मस्जिदके नाम परहंगामों आंदोलनों के शोरसहमा रहे हैं भविष्यतो क्याआने वाली पीढ़ी सीख रही हैअपनी रीढ़ कैसे है सीधी करना?रोते हु... |
||
Read this post on ज़िन्दगी…एक |
Share: |
|
|||||||||||
और सन्देश... |
![]() |
कुल ब्लॉग्स (4017) | ![]() |
कुल पोस्ट (192773) |