![]() ''संगिता,मैं तुम्हें यह नहीं कहूंगी कि मैं तुम्हें बहू नहीं बेटी ही मानुंगी। बेटी, बेटी होती हैं और बहू, बहू होती हैं! मैं तुम्हें बेटी जैसा प्यार नहीं दुंगी...मैं तुम्हें बहू जैसा प्यार ही दुंगी!!''रह-रह कर होने वाली सास के ये शब्द मेरे दिमाग में हथौडे की तरह वार कर रहे थे। ... |
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