अक्सर लोग पूछते है मुझसे , ऐ बावरी, अपनी मुहब्बत का क्या नाम रखा है। गज़ब ! कैसे जान गया जमाना , तेरे नाम को मैंने अपनी नज्मो में छिपा रखा है।अजीब ! एक तुम थे जिसने गुनगुनायी थी मेरे संग संग राहो में दिलकश ग़ज़ल। दे गयी थी राहत मेरे सोजे दिल को कितने सुहाने थे तेरे साथ जो बीते ... |
बढ़ते प्रदूषण की चर्चा चलते ही औद्योगिक नगरों के बड़े बड़े कारखानों में लगी चिमनियों से निकलता काला धुंवा और आस-पास के क्षेत्र में उस धुंए से निकलती जहरीली गैसें व घरों पर बरसती बारीख राख, कारखानों के नालों से निकलता रसायन युक्त जहरीला प्रदूषित जल, जहरीले सीवरेज के बदबूद... |
देश की आजादी समय देशी रियासतों का भारत में विलय के बाद देश भर से सामंती राज्य का खात्मा हो गया और राजा, महाराजाओं, नबाबों, जागीरदारों सहित सभी सामंत ख़ास से आम आदमी हो गये, देश के संविधान ने उन्हें भी आम आदमी के बराबर अधिकार दिए और इसी अधिकार का उपयोग करते हुए कई राजा-महारा... |
Zee TV पर कल से प्रसारित होने जा रहे धारावाहिक जोधा अकबर पर देशभर के क्षत्रिय समाज में रोष है और देशभर से जगह जगह इस धारावाहिक के विरोध प्रदर्शनों की ख़बरें आ रही है| राजस्थान के बड़े केबल ऑपरेटर्स ने भी श्री राजपूत करणी सेना की अपील पर इस सीरियल को अपने अपने केबल नेटवर्क पर न ... |
गोवरिकर की फिल्म जोधा-अकबर को श्री राजपूत करणी सेना ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए विरोध कर राजस्थान के किसी सिनेमाघर में आजतक प्रदर्शित नहीं होने दी| यह विवाद अभी ठीक से शांत ही नहीं हुआ था कि एकता कपूर की बालाजी टेलीफिल्म्स ने इसी विषय जोधा-अकबर पर सीरियल ब... |
राजस्थान में 80- व् 90 के दशक तक बारातों का आनंद कुछ अलग तरह का होता था। उस समय बरातों का समय भी अलग था तो बाराती भी अलग श्रेणी के लोग होते थे। उस समय में बच्चों का बरातों में जाना एक तरह से वर्जित ही था। घर के मुखिया व बड़े, बुजुर्ग ही अमूमन बरातों में जाते थे। महिलाओं की उस समय ... |
वोह सुनहरी दोपहर, वोह छुक छुक चलती गाड़ी का रुक रुक कर चलना तुम्हारी प्यारी सी उंगलियों से लिखे संदेशे का मेरे फ़ोन पर सवाल भेजना तुम क्या सोचते हो मै तुम्हारी, उन बेताबियों की दोपहर को भूल चुकी हूँ तुम क्या जाने मेरे हसीन साथी, तेरी खुबसूरत शाम को गीतों में ढाल चुकी हूँब... |
राजस्थान में एक कहावत है “खीरां आई खिचड़ी अर टिल्लो आयो टच्च” मतलब खिचड़ी पकते ही टिल्ला खाने के लिए झटके से मौके पर आ गया| इस कहावत में टिल्ला शब्द ऐसे लोगों के लिए प्रयुक्त किया गया है जो काम के वक्त तो इधर-उधर होते है पर उनकी नजर हमेशा फायदे को ताकती रहती है दूसरों द्वार... |
Zee TV पर प्रसारित होने जा रहे एकता कपूर की कम्पनी बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा निर्मित धारावाहिक जोधा अकबर के खिलाफ क्षत्रिय समाज में काफी रोष है और देश भर के क्षत्रिय संगठन श्री राजपूत करणी सेना की अगुवाई में इस धारावाहिक को रोकने के लिए आंदोलनरत है| एक तरफ सोशियल साइट्स ... |
हिंदी ब्लॉग जगत में अपने अनोखे हास्य व्यंग्य व मजेदार लेखन के लिए प्रसिद्ध ब्लॉग “ताऊ डॉट इन”के लेखक ताऊशुरू से ही हिंदी ब्लॉग जगत के लिये पहेली रहें है कि – आखिर ये ताऊ है कौन ? हिंदी ब्लॉग जगत के लगभग सभी सक्रीय ब्लॉगर्स को ताऊ के बारे में जानने की हमेशा जिज्ञासा रही ह... |
वर्ष २००८ के मध्य सोशियल साईटस पर लांस एंजेलिस केलिफोर्निया रहने वाली कमलेश चौहानसे मुलाकात हुई| सोशियल साईटस पर आपसी बातचीत और विचार विमर्श के बाद कमलेश जी को ज्ञान दर्पण.कॉम के बारे में पता चला और उसके बाद वे ज्ञान दर्पण ब्लॉग की नियमित पाठक बन गयी साथ ही अपनी कई रचन... |
यदि आप इंटरनेट पर ऑनलाइन खरीददारी करते है तो छूट कूपन का लाभ जरुर उठायें, पर प्रश्न यह है कि ये छूट कूपन मिलते कहाँ है ? और प्रयोग कैसे किये जातें ?दरअसल इन्टरनेट पर ऑनलाइन व्यवसाय करने वाले लगभग स्टोर अपनी वेब साईट पर उत्पाद बेचने के लिए छूट कूपन जारी करते है या उनके द्व... |
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रामप्रसाद पिछले २ सालों से प्रदेश गए पुत्र की राह देख रहा था । क्या-क्या सपने संजोये थे उसने। गाँव के महाजन से विदेश भेजने के लिए उसने अपनी जमीं तक गिरवी रख दी थी। ताकि उसके बच्चे को तंगहाली के दिन न देखने पड़े। खुद रात दिन अपने खून को जलाकर महाजन के कर्ज का सूद हर महीने दे... |
हिंदी ब्लॉग जगत में अपने अनोखे हास्य व्यंग्य व मजेदार लेखन के लिए प्रसिद्ध ताऊ रामपुरियाके ब्लॉग ताऊ.इनपर कल दिनांक २५ मई २०१३ को राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्र हमारा मैट्रोमें एक लेख छपा| जो हुबहू आपके पढने के लिए यहाँ प्रस्तुत है|हमारा मैट्रो राष्ट्रीय दैनिक सम... |
उस दिन यादव जी घर पहुंचे तो बहुत रोष में थे, पूछने पर बताने लगे कि- वे आज कारखाने में हड़ताल करने बैठे तो कारखाना प्रबंधन ने हड़ताली श्रमिकों को हमेशा के लिए कारखाने में घुसने पर प्रतिबंधित कर दिया| हड़ताल का कारण पूछने पर यादव जी बताने लगे- पुरानी मशीनों पर एक मशीन पर एक श्र... |
सदियों से संसार में अनेक वाद चलते आये है, समय समय पर पुराने वाद को पछाड़ते हुए नए वादों का प्रादुर्भाव होता आया है ये वाद राजनीति, धर्म, भक्ति सहित सभी सामाजिक क्रियाकलापों में बनते बिगड़ते रहे है| वर्तमान में भी हमारे देश सहित दुनियां में कई वाद मौजूद है जैसे- पूंजीवाद, सम... |
तृतीय पूण्य तिथि के अवसर पर राजस्थान के लोकप्रिय जननायक स्व. भैरोंसिंह जी को शत शत नमन |देश के पूर्व उपराष्ट्रपति स्व.श्री भैरोंसिंह शेखावत जो राजस्थान के जन मानस में बाबोसा के नाम से परिद्ध है का जन्म राजपुताना में शेखावाटी जनपद के खाचरियाबास ठिकाने के एक साधारण राज... |
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जब से भांजे की करतूत से पूर्व रेलमंत्री पवन कुमार बंसल की लूटिया डूबी और उनकी दौड़ती रेल अचानक रुक गयी और वे रेलमंत्री से पूर्व रेलमंत्री हो गये तब से आज तक समाचार पत्रों, वेब साइट्स व सोशियल साइट्स पर मामा भांजे की केमिस्ट्री पर बहुत कुछ लिखा पढ़ा जा रहा है लोग मामा भांज... |
महाभारत कालीन महाराज धृतराष्ट्र और पांडू के जन्म पर हमें पढाया व टीवी में दिखाया जाता है कि वे वेद व्यास की संतानें है क्या वाकई महाराज धृतराष्ट्र और पांडू वेद व्यास जो ब्राह्मण थे की संतान है ? या वेद व्यास ने चक्रवर्ती सम्राट विचित्र वीर्य जिनका असली नाम चित्र रथ था ... |
हमारे देश में सदियों से राजतन्त्र प्रणाली शासन प्रणाली चलती रही धीरे धीरे इस प्रणाली में संघ राज्य की शक्तियाँ क्षीण होती गयी और नतीजा छोटे छोटे स्वतंत्र राज्यों ने जन्म ले लिया, कई सारे स्वतंत्र राज्य होने, उन पर कई वंशानुगत अयोग्य शासकों के आसीन होने के चलते हमारी श... |
रामलाल सरकारी विभाग में बाबू है अपने विभाग में ही नहीं जिस मुहल्ले में रहते है वहां भी लोग उनकी भलमनसाहित के कायल है, उनके सम्पर्क में रहने वाले किसी भी व्यक्ति से उनकी किसी भी बात पर आलोचना सुनने को आज तक नहीं मिली|अपनी सरकारी नौकरी के वेतन से उन्होंने अपने दो बेटों व द... |
२५ अप्रेल १३ : शाम के चार बज रहे थे जोधपुर के कुड़ी भगतासनी हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में किरायेदार से अपने खाली मकान की चाबियाँ लेने के बाद वापस शहर आना था, श्रीमती जी का स्वास्थ्य भी इतना ख़राब था कि वे भी बाइक पर सवारी करने की स्थिति में नहीं थी कि अचानक मेरे मन में वहां से ६० ... |
काटली नदी राजस्थान के सीकर ज़िले के खंडेला की पहाड़ियों से निकलती है। यह एक मौसमी नदी है और तोरावाटी उच्च भूमि पर प्रवाहित होती है। नदी उत्तर में सीकर व झुंझुनू में लगभग 100 किलोमीटर बहने के उपरांत चुरू ज़िले की सीमा के निकट अदृश्य हो जाती है।विगत १७-१८ सालों में जिस प्र... |
बेशक देश के नागरिक भ्रष्टाचार से त्रस्त है आये दिन किसी न किसी के नेतृत्व में देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए आन्दोलन करते रहते है पर यदि देश के नेताओं, अफसरों व आम नागरिक का आचरण देखें तो लगता है जैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ होने वाले आन्दोलन तो महज एन्जॉय करने के ल... |
“भाग्य में लिखा छप्पर फाड़ कर मिलता है” पूर्वजों की बनाई यह कहावत एकदम सटीक है ऐसे कई उदाहरण देखने, पढने को मिल जाते है कि जिसके भाग्य में राजा बनना लिखा था तो वह किसी राजा की रानी के गर्भ से पैदा नहीं होने के बावजूद भी राजा बना| जोधपुर के राजा मानसिंहहालाँकि जोधपुर राजपर... |
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