परम पूज्य पिता स्व; डॉ. दिनेश चन्द्र वाचस्पतिपिता प्रथम कुलपति हैं, बतलाने वाले कादम्बिनी मासिक पत्रिका के प्रधान संपादक शशि शेखर का यह कथन एकदम सच है। जो मां को बच्चे की पहली शिक्षक मानने वाले पिता को प्रथम कुलपति मानकर एक अनूठा निचोड़ पेश करते हैं। पिता तो प... |
Tag :डॉ. दिनेश चन्द्र वाचस्पति
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December 29, 2015, 10:00 pm |
शील से कोई सरोकार नहीं पुलिस का पुलिस चाहे दिल्ली की हो मुंबई की चैन्ने की कोलकाटा की पुणे की आंध्र प्रदेश कीया किसी भी शहर कीअथवा गांव की क्रूर ही होती है हीनता ने उसके डेरे संभाल लिए हैं संवेदना तो होती है पुलिस में पर हीनता से जुड़ती है वह शील और हीन से क्या सरोकार... |
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December 23, 2015, 6:02 am |
##अप्रियसत्यसत्य मैं लिखता रहामित्र मजाक समझते रहेपीड़ा में घुलता रहाव्यंग्य का कीड़ा समझते रहे।सच्चाई पसंद नहीं आती हैअप्रिय लगती हैलगता है झूठ लिख रहा हूंसच न जाने क्योंसबको झूठ लगता है।लगता है सबकोकि ऐसा हो नहीं सकताइतना बुरा एक लेखक के साथउसके परिवार जन ... |
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November 17, 2015, 2:51 am |
29 दिसम्बर 1929 को जन्मे मेरे पिताश्री डॉ. दिनेश चन्द्र वाचस्पति जी का जन्म हुआ था। 6 मई 1970 को उनका साया मेरे से उठ गया। वह विद्धान हिंदी लेखक, शिक्षाविद अौर सैन्ट्रल बोर्ड ऑफ हॉयर एजूकेशन तथा हिन्दी विद्यापीठ के संस्थापक एवं कुलपति थे। एक स्कूटर दुर्घटना में उनक... |
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December 28, 2014, 9:44 pm |
पितृ दिवस पर- पिता सूर्य सम प्रकाशक :संजीव * पिता सूर्य सम प्रकाशक, जगा कहें कर कर्म कर्म-धर्म से महत्तम, अन्य न कोई मर्म *गृहस्वामी मार्तण्ड हैं, पिता जानिए सत्य सुखकर्ता भर्ता पिता, रवि श्रीमान अनित्य *भास्कर-शशि माता-पिता, तारे हैं संतान भू अम्बर गृ... |
Happy Father's Day 'पिता 'जैसे किसी बगिया की फुलवारी का बाग़बान रखता है ध्यान ,वैसे ही पिता के साये में बच्चों के होठों पर खिलती है मुस्कान !पिता का साया है वो आसमान ,जिससे मिलता है उन्हें खुशियों का जहान ,बगिया के हर एक फूल-सा ,महकता है उनका बचपन नादान !बिना ब... |
सन्देश; हिंदी पर गर्व करेंसन्देश; हिंदी पर गर्व करें, न बोल सकें तो शर्मॐछंद सलिला: काव्य छंद संजीव*छंद-लक्षण: जाति अवतारी, प्रति चरण मात्रा २४ मात्रा, यति ग्यारह-तेरह, मात्रा बाँट ६+४+४+४+६, हर चरण में ग्यारहवीं मात्रालघुलक्षण छंद: काव्य छंद / चौबी/स, कला / ग्य... |
सपने हकीकत बनने लगे,‘आप’मुझे अच्छे लगने लगे। अच्छाई तो अच्छी ही लगेगी,बेईमानी की अम्मा कब तक खैर मनाएगी। आजकल सपनों का हकीकती ताना-बाना देख राजधानीवासी ही नहीं,अपितु संपूर्ण हिन्दुस्तान मंत्र-मुग्ध है। जो ‘आप’के खाते में अपना विश्वास मत न देने से महरूम र... |
29 दिसम्बर 1929 आज ही है आपका जन्मदिवसआपसे ही मिलती रही है शक्तिमिलती रहेगी सदा सर्वदा मुझेभरोसा बलवान है, विश्वास है 6 मई 1970 को मेरे बालपनसौंपकर गए मुझे विचारबलवही बल जो विरल है सबमेंसहज बना गया है मुझे अब प्रणाम निवेदित है आपकोआप ही मेरा सर्वस्व हो सदाकामना ... |
Tag :डॉ. दिनेश चन्द्र वाचस्पति
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December 29, 2013, 12:07 pm |
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December 13, 2013, 7:29 am |
Tag :इतराती हुई कुर्सियां
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December 3, 2013, 5:52 pm |
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November 26, 2013, 2:51 am |
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November 20, 2013, 10:24 am |
Tag :प्याज़-आलू भरी दीपावली
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November 9, 2013, 11:40 am |
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October 31, 2013, 7:11 am |
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October 21, 2013, 4:56 am |
Tag :डेली न्यूज एक्टिविस्ट
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October 21, 2013, 4:56 am |
मेरे लिए आप सभी आदरणीय हैंदादाभाई की प्यारी बिटियाविचारों की हूं देखो पुडि़या...अभी मैं सो रही हूंपर सबकी उत्सकुता से मन के भीतर हो रहीहूं रूबरू मैं।मैं कुछ नहीं हूंसद्विचार हूंअच्छे विचारों के बल पर इंसान का बेड़ा पार हूं।जब जागूंगी खूब शोर मचाऊंगी मैंअप... |
मेरे लिए आप सभी आदरणीय हैंदादाभाई की प्यारी बिटियाविचारों की हूं देखो पुडि़या...अभी मैं सो रही हूंपर सबकी उत्सकुता से मन के भीतर हो रहीहूं रूबरू मैं।मैं कुछ नहीं हूंसद्विचार हूंअच्छे विचारों के बल पर इंसान का बेड़ा पार हूं।जब जागूंगी खूब शोर मचाऊंगी मैंअप... |
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September 24, 2013, 8:57 am |
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September 10, 2013, 6:54 am |
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