📝जाने का नाम न ले रही ..........हफ्ते भर से आई है पर थमने का नाम नहींलबालब भर रहीं हैं दिल की नदियांउफन रहे है मन के नालेफीका पड़ रहा झूलों का मज़ान सावन का पता न आषाढ़ काहां, तेरे आने की खुशी में हरियाली की दावत बहुत बढ़िया हैखुशी है मज़ा है वैसे ही रहने दे#बेटियां मायके में आत... |
✍️मुझे कई फूलों के नाम नहीं पता ..पर उनकी खूबसूरती और खुशबू के बारे में जानती हूं .. मोगरा,अमलतास,गुलमोहर ये नाम हैंबाद में पर पहचान बहुत पहले से है।शायद ऐसे ही नामी बेनामी लोग नाम वाले रिश्तों का भी मेरे आस-पास एक दायरा है जिसकी खुशबू व खूबसूरती मुझे महका रही है।..(पर ... |
काग़ज कलम साथ तो ले कर चले थे हम। कभी कह न पाए तो कभी लिख न पाये हमगहरा नाता है काग़ज कलम और हमारा।... |
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December 10, 2016, 12:43 am |
📝वक्त बदल रहा है हम भी बदल रहे हैबड़े शहरों के कमरों में मौसम भी बदल रहे हैं ...न सेंकती धूप... न मदमस्त बादल.... न भीगी बरसातन मीठी हवा का झोंका...न लू की तपिश.....न सुड़कती चाय न पकौड़ी न चूल्हे की सोंधी रोटियां ....जीना सीख रहे हैं..... पर हम भी शहर वाले हो रहे हैं!#मनकीबात... |
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December 10, 2016, 12:41 am |
📝हर औरत के पल्लू की गाँठ---- मां और मायकान तो ये निकलती है और न ही कभी ढीली पड़ती हैकड़ी धूप में ठंडी छाँव है माँ ---... |
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August 30, 2016, 11:48 am |
📝अपने-अपने चश्मे पहन रखे हैं --- अपने-अपने नजरिये से हम सब देखते हैं -----अपना-अपना सच !साझां करें..... चश्मा......तब शायद साफ दिखाई दे-एक-दूसरे का नजरिया और दिखे सच!#मनकीबात... |
📝बदला हुआ समां है बदला हुआ है मनकुछ बदला हुआ दिल भी है बदली हुई धड़कन भीनई सी चाह भी है कुछ नये अरमान भीख्वाबों को जी लेने की चाह भीहै तो इक तड़पन भीउड़ने को मन परिन्दा बेताब है........See MoreSee Translation... |
📝दुनियादारी बदल गयी है सब दिखावा हो चुका है !ज़माने के साथ बदलाव ठीक है, पर ज्यादा दिखावा,इतना भी अच्छा नहीं।आज आप कितने भी स्मार्ट क्यों ना हो पर आपने चलन के हिसाब से कपड़े नहीं पहने तो......ये भी सच है आज का कि पैरो से सर तक ब्रांड है तो लोग आपको देखेंगे वर्ना...............doesn't matterआप क... |
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February 12, 2016, 4:15 pm |
📝यादों की कोंपलें फूट आईं हैंख़्वाबों की कलियाँ खिलने लगीं हैं शाख़ों पर तस्वीरें नज़र आने लगी हैं फिर आया मौसम खिलने -खिलाने का#बगिया के फूल#... |
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February 5, 2016, 3:15 pm |
📝अक्सर अकेलेपन का बोझ भी बढ़ता ही चला जा रहा था शाम काट खाने को दौड़ती थी ......जिनका कोई वजूद न था,वो ही हम पर भावी होने लगे !.... अब तो ; अकेलापन दोस्त बनता जा रहा है! हमें हरतरह के तौर-तरीको से लेकर इंसान की पहचान तक कराना सिखाने लग गया है ।.. देखाफिर--------Life में कुछ भी हो सकता ... |
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January 23, 2016, 11:25 pm |
दिन पहले सर्दी को निमन्त्रण भेजा था :::::::::::कुछ दिन पहले सर्दी रानी को निमन्त्रण भेजा था:हेसर्दी रानी .......कहाँ गुम हो गई तून कोई ख़ैर-ख़बर न कोई संदेशकहाँ छुप गई तू .....ढूढों रे ढूढों.....न कोहरा न पालान भावे धूप, नसुहाये गर्म कपड़ेरज़ाई की गुदगुदी में भी चैन न आवेदिस्मबर निकला ... |
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January 21, 2016, 2:07 pm |
खुशी क्या है ----दूसरों को खुश करना या अपनी खुशीदूसरों की खुशी में ही अपनी खुशी ढूँढीं जा सकती है -कुछ सीमा तक लेकिन किसी की खुशी में अपनी खुशी ढूँढना थोड़ा मुश्किल है!... |
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January 19, 2016, 2:47 pm |
सुबह बालकनी में चाय पी रही थी कि एक चिड़िया उड़ती चली आई और चीं-चीं करते हुये फुदकने लगी! मैं उसके करतब का मज़ा लेने लगी तभी उसकी चीं चीं तेज़ हो गई, वो इधर से उधर चक्कर काटने लगी मानो कुछ ढूँढ रही हो परेशां होने लगी मैं समझ नहीं पा रही थी क्योंकि मैं मज़े ले रही थी.....मैंने ... |
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January 19, 2016, 2:17 pm |
आसमान में रंग बिरंगी पतंगें नज़र आ रही थीं---- खुश, मस्त,उन्मुक्त सी उड़ी चली जा रही हवा में पंखफैलाये इधर से उधर पेंच लगाती हुई !पर जैसे ही उसकी डोर खिंचीं :होश आया कि वो एक डोर से बंधी है उसकी डोर किसी के हाथ में है : ढील दी तो पेंच का डर, कसी तो कटने का और यह गई वो गई .....कोई ठिकान... |
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January 17, 2016, 10:13 pm |
मान मिले सम्मान मिले, खुशियों का वरदान मिले.क़दम-क़दम पर मिले सफलता, डगर-डगर उत्थान मिले.सूरज रोज संवारे दिन को, चाँद मधुर सपने ले आये,हर पल समय दुलारे आपको सदियों तक पहचान मिलेHappy New Year 2016... |
मन तो है मेरा ही परमेरे पास नहींन जाने कहां भटकता रहता हैजहां चाहे चल देता हैरहूं ताकती इसे सदाकब यह भटक जाएकब यह बिगड़ जाएकब यह सुख लाएकब यह दुख दे जाएइसी लिए मुझे अवकाश नहीं,,,,,,चैन नहीं... |
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September 24, 2015, 11:45 pm |
वो मीठी -मीठी सी सुबह,बादलों से घिरे पहाड़ , ठंडी ठंडी फुहार, सफ़ेद धुँध की चादरमनमोहक द्रश्यदार्जिलिंग की पहाड़ियों काअक्सर कभी कभी वो पल याद आ जाते हैं जो यादों को झँझोड़ जाते हैं एक प्यारा सा एहसास दे जाते हैं।... |
मैं कुछ इस तरह से रहूं -::स्वाद की तरह लोगों की यादों मेनमक की तरह जरूरत बनकरपानी की तरह घुल -मिल जाऊंसुख-दुख में और दुनिया रहे मेरे आसपास मां की तरह. ---नीलम ... |
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November 28, 2014, 4:40 pm |
हार न मान हार न मानजीवन की राह बड़ी है आसान थोड़ा सब्र थोड़ा साहस थोड़ी परेशानी थोड़ी कठिनाई फिर ढेर सारी मुस्कराहट! ... |
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October 30, 2014, 3:38 pm |
हर सुबह एक पैगाम लाती है खुशबू भर कर हवा में संगीत सुनाती है इन खुशबुओं से महकती है जिंदगीबस. ये ज़िंदगी दुनियाँ को भी महकाना चाहती है!... |
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October 27, 2014, 2:00 pm |
लो फिर आया राखी का त्यौहार सज गया राखियों का हॉट-बाजार !सुंदर -सुंदर, रंग- बिरंगी ,नीली ,पीली सुनहरी भाई के हाथ पर बँधने को राखी है तैयार !सजी -सवँरी ,रंग- बिरंगी पोशाकों में बहने भाई के घर जाने को भी तैयार !धागे ये प्यार के- बने हैं... |
मन से मन के होते हैं कुछ रिश्ते,सच्चाइयों की गहराइयों तक होते हैं कुछ रिश्ते.मगर,सच्चाई की जिसको समझ नहीं,गहराई तक जिसकी पहुँच नहीं,जाने क्या वो , वो क्या समझें,मन से मन के ये रिश्ते.... |
बारिश की बूंदे झूम -झूम के बरस रही हैं मिज़ाज़ आसमाँ का बदलारुत ने भी रुख बदला नई फ़िजा है आई, धरती फिर से महकी -सजी- सवँरी है ! बारिश की बूंदे तन - मन को भी भिगोने लगी मन मचलने लगा है--- भीगने कोआस बढ़ने लगी हैप्यास बढ़ने लगी है --पिया मिल... |
जिन्दगी की असली खूबसूरती ये नहीं है कि आप कितने खुश है, जिन्दगी की असली खूबसूरती तो ये है कि आपसे कितने खुश है !अपनों से छोटी छोटी बातों पर नाराज़ ना होकर, बड़ा दिल रख कर मुस्करा कर उन्हें अपना लेना चाहिए क्योंकि :"रोने से आंसू भी पराये हो जाते है और मुस्कराने से पराये ... |
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