चारों और पानी ही पानी चारों और हानि ही हानि चारों और अँधेरा ही अँधेरा हो जाये अब जल्दी सवेरा चारों और फैला हाह... |
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December 5, 2015, 12:45 pm |
मुस्कराती दिखे कलियाँ लहराती पेड़ों की डाली हर हरे भरे खेत यहाँ के दिखे चहुंओर हरियाली रहते लोग खुशहाल यहां... |
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November 21, 2015, 3:02 pm |
आई है मुस्कान येअलग- सी सालो से उदास इस चेहरे पर मौका मिला है कितना प्यारा ये दिवाली मनायेंगे घर पर खूब जली चाइनीज लड़ि... |
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November 21, 2015, 3:01 pm |
सूखे पड़े रिश्तों के बगीचे रंग बिरंगे फूल खिला दो बनी है नफरत की दीवारें सबको अब तुम मिटा दो बुझती हुई आशाè... |
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November 21, 2015, 3:00 pm |
बाल दिवस के दो चेहरे पहला दृश्य :-आई एस बी टी से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की और जाते हुए मैंने कुछ बच्चे देखे जो शायद किसी झु&... |
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November 21, 2015, 2:59 pm |
ए मेरी धरती , ए मेरे घर अब मुझको तू बुला ले थक चूका हूँ बहुत अब अपने आँचल में सुला ले आता है याद बहुत तू पूरा ही द... |
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November 21, 2015, 2:59 pm |
हरपल मुस्कराने वाली कभी न घबराने वाली दिखती नही चिंता कभी रहे सदा चेहरे पर लाली था अनजान उससे मैं न जाने कहा... |
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October 30, 2015, 6:57 pm |
आने लगी है इक जानी पहचानी खूशबू अपने गाँव की और से चल रहा है पता इस बात का हिलोरें खाती हुई &... |
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October 17, 2015, 2:13 pm |
बनाना पड़ा साथी कागज कलम को दुनियाँ में साथ मिलता है कहीं कहीं विश्वास है मुझे इन बेजुबानों पर देंगे मुझे धोखा&nb... |
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October 13, 2015, 10:08 pm |
एक रचना वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित ........साथ छोड़ने लगी टहनियाँ निकलने वाले है अब प्राण दूसरो के लिये रहा तैयार रख... |
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October 13, 2015, 10:07 pm |
पहले तोड़ी साइकिल हमने फ़िर आई पहिये की बारी रिम को लगाया छत पर और पहिये से गलिया छान मारी गाड़ी थी सबकी अपनी सबका थ... |
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October 13, 2015, 10:06 pm |
जिस देश का दिल है दिल्ली और कश्मीर जिसका ताज हैजिसमे हो पाँच नदियों का पंजाब उस भारतवर्ष पर हमें नाज़ हैंहरा भरा हरियाणì... |
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October 13, 2015, 10:05 pm |
जब तक पैदा करता हूँ अनाज हर कोई करता मुझ पर नाज़ मेरे ही कारण करता था हमारा ये भारतवर्ष दुनियाँ पर राज़ पर नही बरसते&n... |
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October 13, 2015, 10:03 pm |
खुश हूं मैं या उदास ये देखने मेरे आँसुओं पर कभी न जाना क्यों भीगो देतेआँखें खुशी में भी जान न पाया अब तक जमाना न जा... |
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September 28, 2015, 8:54 pm |
घर से ये जो मेरी दूरी है खुशी नही ये मजबूरी है निकला था घर से तन्हा पाने चैन और राहत को भटक रहा हूं दर - बदर पाने को अपनी चाहत ... |
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September 26, 2015, 4:08 pm |
लो जी हमारा भी एक साल पूरा के वी में न जाने कितनों ने सताया ,न जाने कितनों ने रखा ख्याल ,कभी खुश हुए,कभी मायूस ,और कट गया एक सा... |
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September 25, 2015, 12:01 pm |
रहने लगा हूं खामोश मैं आके मुझे दुलार दे नही लगता मन अब मेरा मुझे अब अपना प्यार दे मँझदार में है नैया मेरी इसे अब कर पार दे ल... |
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September 25, 2015, 12:00 pm |
हिन्द देश है तन हमाराहिन्दी हमारी जान हैइसी से धड़कता है ये दिल इसी से हमारा मान है ! रखती है हमें बांधकर एक सुगंधित माला म&... |
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September 15, 2015, 1:26 pm |
सीख लो दोस्तों मिलकर रहना,है अनजान परदेश ये,आज नही तो कल यहां से चले जाना है ! ख़ुदगर्ज है ज़माना ये,यहां कैसे कैसे लोग आते है... |
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September 12, 2015, 2:56 pm |
क्या है जिंदगी तू क्या है तेरी कहानी क्या है तेरा अपना तू तो हरपल है बेगानी क्यों हर कोई तुम्हे हीपाने की कोशिश करता है स... |
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August 11, 2015, 12:26 am |
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