जी हाँ, अभी जिस दौर से हम गुजर रहे हैं उसमें चाय उपनिषद से लेकर उपग्रह, मेडिसन स्क्वायर से लेकर भोपाल के हिन्दी सम्मलेन तक के बीच के हर दौर में मौजूद रहेगी| भारत में 32 साल के बाद हो रहे हिन्दी सम्मेलन में भी चाय मौजूद थी| यह बात अलग है कि भारत सरकार के विदेश विभाग और मध्यप्र... |
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September 11, 2015, 11:18 am |
मुझे नहीं लगता कि राजनीति में जनता के किसी भी तबके से संवाद स्थापित करते समय कुछ भी अतिशयोक्तिपूर्ण कथन करने की कोई आवश्यकता पड़ती है| धोने में आलस्य आने या कठनाई होने पर कोई कुर्ते की बाँह काट दे और फिर कहे कि वह केवल 4 घंटे सोता है और दिन रात काम में भिड़ा रहता है, मुझे ... |
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September 9, 2015, 10:26 pm |
आईपीएस हो तो सरकार का काम करो...ठाकुर दम्पति को लग रहा था कि मुलायम सिंह अमूल चीज का टुकड़ा हैं जिसे वोमजे से खा जायेंगे| भईये जिस नेता जी ने ममता बहन को लखनऊ बुलाकर प्रेसकांफ्रेंस में साथ में खड़े होकर बेरंग कोलकाता भिजवा दिया, वो नेताजी अमूलचीज का टुकड़ा नहीं, कडक सुपारी ह... |
पहले नाक के नीचे तो झाँक लीजिये..!ऐसा कहा जाता है की जिसकी नाक लम्बी होती है, उसे उसकी नाक के नीचे क्या हो रहा है पता नहीं चलता| केंद्र सरकार में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी लगता है कुछ ऐसा ही हो रहा है| आज जब वे लोकसभा में खड़े होकर लोकसभा के सदस्यों को यह कहकर लुभा रहे थे... |
अच्छा हुआ, अरुणा शानबाग, तुम मर गईं...अच्छा हुआ अरुणा शानबाग तुम मर गईं! तुम 42 साल तक कोमा में रहीं| शरीर के हिसाब से यह एक दर्दनाक स्थिति है| जंजीरों से बांधकर किये गए क्रूर बलात्कार के बाद 42 साल तक ज़िंदा मृत के सामान पड़े रहना, यह वह जिन्दगी है जो बुद्ध, विवेकानंद, गांधी के दे... |
बोले तो अब पहली बार पता चला है कि चड्डी पहनकर ये फूल पंजाब में खिला है. भैय्ये एक नेक काम कर दो और एक बार में बता दो कि आप पैदा कहाँ हुए थे, मगर के साथ कहाँ खेलते थे. चाय कहाँ बेची थी, टीचर कब बने थे. सेना से आपका लगाव कब और कैसे हुआ था. वगैरह..वगैरह..वैसे जब आपको टीव्ही में भगतसिं... |
जब मैं तिवारी पान पेलेस पर पहुंचा तो उम्मीद के विपरीत वे बिलकुल खाली थे| पर, उनके चेहरे की शिकन बता रही थी कि कोई उधेड़बुन तो है, जिसने उन्हें बेचैन कर रखा है| हमने बड़े एहितायत के साथ उनसे पूछा, कैसे तिवारी जी सब कुशल मंगल तो है न! तिवारी जी ने बड़ी उम्मीद भरी नज़रों से हमारी तर... |
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December 12, 2014, 1:35 am |
आज जब मैं तिवारी पान पेलेस पहुंचा तो सब कुछ बदला बदला नजर आया| सबसे पहले तो साईन बोर्ड पर निगाह गयी, वहां पान पेलेस की जगह पान मंदिर था| जहां पहले पेट निकाले एक बूढ़ा आदमी बैठे रहता था, वहां हनुमान जी की फोटो थी, | हमने पूछा कि कैसन तिवारी जी रातो रात ये परिवर्तन कैसे? तिवारी ज... |
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December 12, 2014, 1:21 am |
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