दिशा हीनभीड़ के संग चल पड़े, सब आबोदाना ढूँढ़ते !अपने अपने हुनर से, जीनें का बहाना ढूँढ़ते !दर्द की बस्ती है ये ,गम की दुकानें हैं सजी ,राही भटकते फिर रहे,ख़ुशी का तराना ढूँढ़ते !आज का सुख भूलकर,कल की चिंता में सभी ,वक़्त अपना गँवा रहे ,गुज़रा ज़माना ढूँढ़ते !मेले म... |
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February 5, 2013, 6:35 pm |
वतनसे प्यार का
ज़ज्बा , हर दिल में जगा
दे !वो
शमा भगत सिंह वाली , रग रग में जला
दे !ना
हों ज़ात के झगडे , ना धर्मों के
हों बंटवारे ,ऐ
मालिक सभी का , बस एक ही रिश्ता
बना दे !भाषाओं
से ना हो , पहचान किसी आदम
की ,एक
भाषा प्यार की , जन जन को सिखा
दे !अपने
अपने काम को , समझें सभी पूजा ,रिशवत
का... |
इस तरह शर्तों पे कैसे, कब तक कटेगी जिन्दगी !गिर के यूँ कब तक , संभलती रहेगी जिन्दगी !अपने अपने गरूर की, सीमा पे खड़े हुए हैं हमबीच मैं गहरी है खाई , गिर कर रहेगी जिन्दगीतनहाइयों के शोर में सिमटे हुए हर शख्स को ,यूँ ठहाकों के कफ़न से ,कब तक ढकेगी जिन्दगी !प्यार दे कर प्यार लेना , ... |
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February 24, 2012, 8:04 pm |
चोट ताज़ा है अभी , थोडा मुस्कुराने दो !वकत लगेगा अभी ,दर्दे दिल सुनाने को !गुमा नहीं था, इस कदर चोट खायेंगे ,ठगे से रह गए , बस तिलमिलाने को !लम्हें चुनने दो , ख्यालों के खंज़र से ,लुटे हैं कितने , हिसाब तो लगाने दो !जितने चाहो , किस्से बुनते रहना ,सच आँखों में , सिमट तो जाने दो !जो ह... |
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November 1, 2011, 9:50 pm |
अपनी सूरत मैं तेरी, सूरत नज़र आती है ! आईना धुंधलाता है,आँख छलक आती है !रात को पेट पे, लेटते हुए ही सो जाना,कभी वो, पीठ की सवारी याद आती है !हर बात मैं, बस रंग तेरा ही तलाशता हूँहर आदत मैं, तेरी आदत झलक जाती है ! तेरे होते, किसी दोस्त की कमीं ना थी,दोस्ती हर दोस्त की, तंग नज़र आती है !श... |
आँख से टपका हुआ , इक़ बे रंग कतरा , तेरे दामन की पनाह पाता ,तो आंसू होता!बात बात पे जो बहता रहा , वो पानी था ,बिना ही बात जो आता , तो आंसू होता !वस्ल में जागती आँखें ,पथरा गयी होतीं ,पलक झपकते ही आता ,तो आंसू होता !नींदों में ख़लल होता , जो मेरे ख्यालों का ,आँख में ठहर ना पाता , तो आंसू ... |
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December 9, 2010, 6:06 pm |
सूक्षम का शिखर ,नजाकत की लहर ,कयामत का कहर ,मेरा महबूब !सूरज का मीत ,सितारे सा शीत ,रौशनी की जीत ,मेरा महबूब !सागर का नीर ,धरती का धीर ,पातळ का आखीर ,मेरा महबूब !चन्दन की महक ,कोयल की चहक ,हिरन की सहक ,मेरा महबूब !हीरे की चमक ,नूर की दमक ,अम्बर की धमक ,मेरा महबूब !कली की झलक ,परी की पल्... |
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December 8, 2010, 7:04 pm |
वतन से प्यार का ज़ज्बा , हर दिल में जगा दे !वो शमा भगत सिंह वाली , रग रग में जला दे !ना हों ज़ात के झगडे , ना धर्मों के हों बंटवारे ,ऐ मालिक सभी का , बस एक ही रिश्ता बना दे !भाषाओं से ना हो , पहचान किसी आदम की ,एक भाषा प्यार की , जन जन को सिखा दे !अपने अपने काम को , समझें सभी पूजा ,रिशवत क... |
Tag :"जज्बा "एक गीत वतन के नाम
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August 16, 2010, 10:23 pm |
वतन से प्यार का ज़ज्बा , हर दिल में जगा दे !वो शमा भगत सिंह वाली , रग रग में जला दे !ना हों ज़ात के झगडे , ना धर्मों के हों बंटवारे ,ऐ मालिक सभी का , बस एक ही रिश्ता बना दे !भाषाओं से ना हो , पहचान किसी आदम की ,एक भाषा प्यार की , जन जन को सिखा दे !अपने अपने काम को , समझें सभी पूजा ,रिशवत ... |
Tag :"जज्बा "एक गीत वतन के नाम
सभी ब्लोग्गर दोस्तो को ये जान कर अत्यंत हर्ष होगा किअक्खर चेतना मंच नया नंगलआगामी २० फ़रवरी को शाम ६ बजे आनंद भवन क्लब नया नंगल के सभागार में एक साहित्यक समारोह का आयोजन करने जा रहा है ॥इस कार्यक्रम में आप सब की जानी पहचानी ब्लोग्गर श्रीमती निर्मला कपिलाजी को साहित्य ... |
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February 17, 2010, 8:52 pm |
सूक्षम का शिखर ,नजाकत की लहर ,कयामत का कहर ,मेरा महबूब !सूरज का मीत ,सितारे सा शीत ,रौशनी की जीत ,मेरा महबूब !सागर का नीर ,धरती का धीर ,पातळ का आखीर ,मेरा महबूब !चन्दन की महक ,कोयल की चहक ,हिरन की सहक ,मेरा महबूब !हीरे की चमक ,नूर की दमक ,अम्बर की धमक ,मेरा महबूब !कली की झलक ,परी की पल्... |
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February 14, 2010, 1:23 pm |
प्यार महोब्बत चिड़िया ऐसी,जिसके सर पे दो दो चोंच !अपना अपना करने वाले ,मिलते ही मौका लेते नोंच !आह : तो भरते तेरे दर्द की ,होता अपनी कमर पे हाथ !प्यार से आंसू पोछने वाले ,पीठ के पीछे मारें लात !भावनाओं का दाना खा खा ,ये चिड़िया फल फूल रही है ,बोली बदल सभी से बोले ,हर दिल के अनुकूल र... |
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February 13, 2010, 9:12 pm |
पहले नहीं हम लुटने वाले ,आँखों के बाज़ार में !जाने कितने टकरायें अभी , शीशे की दीवार में !ख़त पढ़ते ही रो देंगे वो ,ऐसा तो गुमां ना था ,तौबा कितना दम होता है , कागज़ की कटार में !निसार उनपे क्या किया ,शायद कुछ हिसाब लगे ,पाना तो होता ही नहीं , दिल के अंधे व्योपार में !दर्दे बयां भी क... |
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February 8, 2010, 7:09 pm |
स्यासी इश्तिहार ओढ़ने की ,नाकाम कोशिश करता हुआ ,नींद के नशे मे चूर ,इश्तिहार को खींचता हुआ,कि फट न जाये कहीं ,खुद को थोडा समेटता हुआ ,उलझे बाल, अर्ध नगन सा,सूखा जिस्म,मिटटी सा रंग ,पेट मे घुटने दबाये ,एक बच्चा सो रहा था ......!कभी पांव ढकता , कभी सर छुपाता,गरीबी का ये भूखा तांडव ,सड़... |
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January 31, 2010, 10:55 am |
ज़िकर दर्द का मैं ,कैसे कर दूँ ! जान , लफ्ज़ों के हवाले कर दूँ !मैं कोई पीर ,पैगम्बर तो नहीं ,जो सर काट , हथेली पे धर दूँ !ह़क नमक का, अदा करते हैं ,कैसे अश्कों मे, मिश्री भर दूँ !जा पहुँचे ,जो तेरे ख्यालों तक ,बता याद को , कोन से पर दूँ !... |
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January 30, 2010, 8:26 pm |
सभी देश वासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं तथा सभी ब्लॉगर दोस्तों को जय हिंद !... |
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January 26, 2010, 1:08 pm |
वतन से प्यार का ज़ज्बा , हर दिल में जगा दे !वो शमा भगत सिंह वाली , रग रग में जला दे !
ना हों ज़ात के झगडे , ना धर्मों के हों बंटवारे ,
ऐ मालिक सभी का , बस एक ही रिश्ता बना दे !
भाषाओं से ना हो , पहचान किसी आदम की ,
एक भाषा प्यार की , जन जन को सिखा दे !
अपने अपने काम को , समझें सभी पूजा ,
रिशवत ... |
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January 24, 2010, 1:22 pm |
हर हालात को , पुख्ता हल की ज़रुरत है !फ़ेसला तय है , क्या कल की ज़रुरत है !तंगिए दौर , पुर जोर बुलंदी पे है इब्ला ,आवाम को , बस हलचल की ज़रुरत है !इल्म भरपूर है सबको, अमल से परहेज़,मशरूफ नज़रों को ,फुर्सत की ज़रुरत है !दीवानगी आज भी , कम नहीं है लैला की ,जो पहुँचे दिल तक ,उस कद की ज़रुर... |
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January 18, 2010, 5:51 pm |
शायद कोई, दोस्त मिल जाये कहीं ,रकीबों से भी, हाथ मिलाने लगा हूँ !गुलों की चाल से , वाकिफ हूँ अब ,गुलदानों में , कांटे सजाने लगा हूँ !हर सवाल पे ,खामोश मुस्कुराता हूँ ! ढंग दुनियां का , आजमाने लगा हूँ !दिल के धोखे , मैं अब नहीं खाता ,हर एक चोट पे , गुनगुनाने लगा हूँ !फरेब आखिर , सिखा दि... |
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January 15, 2010, 6:03 pm |
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