कहते हैंImage Creditsठहर जाना नहीं है ज़िन्दगी की कोई चाल….चलते रहना है.चलते रहना है,पर्याय ज़िन्दगी का.यही सोच कर कभी आहिस्तेकभी वेग में भागता गया..ज़िन्दगी के अर्थ काअर्थअनर्थ समझइस भागम भाग में कभी घर,कभी दौलत,कभी आराम,कभी ऐश की चाहत कीजंजीरों ने पैरों को जब बाँध लिया.....तब ठह... |
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September 20, 2016, 1:17 pm |
We have no commitments between us, then why lies….credits: googleवादा नतेरावादा नमेरा फिरसबरी के बोल भी आज झूठे क्यूँ?... |
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September 20, 2016, 12:46 pm |
Image Creditsकभी कभी महसूस होता है, लोग हमे अपने कारणों से इस्तेमाल करते हैं, जब इस्तेमाल समाप्त हो जाता है, वो अपने रास्ते और हम एक कड़वे अनुभव के साथ रह जाते हैं... शायद इस्तमाल होना हम इन्सानों की कमजोरी है और इस्तमाल करना हमारी फितरत.... हाँ एक फितरत ही तो होती होगी....... साइकिल के ... |
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December 15, 2015, 3:20 pm |
Creditsज़िन्दगी के छोटे मोटे खुशियों से ही ज़िन्दगी का जन्म होता है..... हर कदम के पदचिन्हों के अपने मायने होते हैं...हर कदम के अपने शोर होते हैं......हर रास्ते के अपने अर्थ होते हैं...जो समेट कर, रुक कर हर कदम देख पता है,,वही जी जाता है पगडंडियों पर लेख पढ़ा तो,समझ न आया कि पगडंडियो... |
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November 30, 2015, 6:49 pm |
Image Credits..मदहोश नैनों से मद बिखेरतीपैनी नज़रों सेनज़रों को क़त्ल करतीशरारती मृगनयनी कौन हो तुम?खनखनाते लबों से खिलखिलाती सुर्ख होठों की मादकता बिखेरतीमदहोश मदिराकौन हो तुम?लचकती, मचकतीबलखातीनर्म जिस्म कीतेज़ बिखेरतीअत्र दानी कौन हो तुम?आवारा लटेंसुडौल वक्षकंपकपाते क... |
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November 22, 2015, 2:38 pm |
बड़े किंग साइज़ के बिस्तर परImage Creditsबड़े बड़े मस्लन्दों के घेरे सेअपना साम्राज्य हम संजोते थे. सिरहाने के तकिये से सटेदो मसलंद लगते थे, जो बिस्तर के ठीक बीचों बीच लगी होती.इस घेराबंदी में घुसना,उन्हें तोड़ना, उन्हें संजोये रखना हमारा अपना एक खेल थाजो बचपन में हम तीनों भाइयों क... |
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November 9, 2015, 5:50 pm |
sahi in Hindi means Porcupine.... a story about a porcupine who helps us learn an important aspect of life.... read on...हिमयुग की दास्ताँ है येहिमालय के किसी अंचल में स्वेत सफ़ेद अंचल में साहियों का बोलबाला था.. नुकीली, काटों भरी शरीरमुशकों की मुखाकृतिजिंदादिल आवृतिलुढ़कते खेलते साहियों का परिवारहँसते चहकते संगी साथी श्वेत हिम के कानो को ग... |
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October 10, 2015, 2:10 pm |
इधर उधर पड़ेImage Creditsरंगीन बक्सों को ज़िन्दगी के रक्सेक बेग में समेटतेसिमटतेमहसूस कर पा रहा हूँ.....आखिरी यात्रा की आगाज़ तो नहीं ये...... |
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September 14, 2015, 9:17 pm |
ड्राइंग रूम के दीवार को छूती गद्दे के Image Courtesyसिरहाने परहमारी वही चिर-परिचित खेल कई दिनों से अलसाई पड़ी थी देख, मैं ठहर गया..वहीँ बैठ कर गोद में चकौर गद्दे समेटेदेखने लगा मैं उन्हेंलेक्सिकोन (lexicon) के चकौर गोटियों को.सीधे आड़े लाइनों में खुद को समेटे...चकौर बक्से अंग्रेजी के ... |
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September 14, 2015, 6:38 pm |
लोगों को चड्डियों से जल्दी मोबाइल फोन बदलते देख हमेशा हैरान होने वाला प्राणी आज दिल की बात यहाँ कह जाए तो सुनने वालों को थोडा आश्चर्य तो होगा ही. हाँ चलिए, आज आपकी कटाक्ष भी सुन ही लेता हूँ. आपकी बातें सर आँखों पर. अब क्या बताये मोबाइल कभी हमारे कैमरे के शौक के आगे न आ सकी. फ... |
सोचिये तो छोटी सी बात है. किसी दिन किसी विषय को ले कर मंथन कर जाना और शब्दों को पीरा एक कथन कह जाना ही हम ब्लोगरों की आदत होती है. और जब वह कही हुई बात को कोई सैकड़ों ख्यालों से चुन कर एक जगह सजा देता हैं, तो खुशियों से भर जाते हैं हम. हाँ एक पोस्ट हमने लिखी थी और indiblogger के एडिटर सा... |
Yoghurt Parfaitसबेरे सबेरे चौपाल पर पंहुचा, और ददुआ चाचा से चाय की एक फरमान लगायी. ददुआ चाचा ने चाय की गरम ग्लास पकडाई तो मेरी नज़र उनके मुस्कुराहट पर पड़ी. मुस्कराहट से झुर्री भरी चेहरे कर कई नए लाइन भर आई थी. उनकी चाय की तरह ही चेहरे पर आज अदरकी मुस्कान थी. थोड़ी तेज़ थोड़ी, शरारत भरी. ... |
Bihar examनींद खुली तो देखा कोहराम सा मचा हुआ है. आँगन से बर्तन धुलने की आवाज़ आ रही थी, वहीँ कोई चापाकल से पानी निकाल कर नहा रहा था. मामा भी आज घर पर थे, वर्ना रोज़ नींद टूटने से पहले तो वो लोकल ट्रेन से पटना के लिए निकल पड़ते थे. चचेरे भाई आज घर आये हुए थे. औंधियाए मन से, हर एक चीज़ पर ध्य... |
Coca-Colaखुशियाँ... खुशियाँ भी बड़ी अजीब होती हैं. इन्हें ढूंढो, मिन्नतें करो, आमंत्रण दो, तो मिलेंगी नहीं. बड़ी छलावों से भरी होती है. लोगों को भागते देख हम भी कई बार भागे इनके पीछे, हर बार बेवफ़ा सखी सी इतरा कर ठेंगा दिखा कर निकल जाती हैं. एक बार इनके खोज में ढूँढतेढूँढते कुछ शब्दों... |
Credits : ParaGlidingलहरों का दूर दूर से वेग भरे आना और समुन्दर के तटों से टकरा कर बिखर जाना, लहरों का तट पर आ कर रेत को भीगाजाना. बिखरते भीगते इस मंज़र पर भीगे रेत पर लेटे घंटों समुन्दर का शोर सुनना मुझे बहुत ही पसंद था. ठंडी हवाओं का बह कर बदन छू जाना, मुझे भरी धुप में भी रोमांचित कर जाती... |
पूजा,अराधनाईज्ज़त,आदर,सत्कार,मोहब्बत,घृणा,ज़िद,हंसा,रोया,चिल्लाया,उपहास की, उजाड़ा उसेसब कुछलगभगसबकुछ करदेख लिया थामैंनेज़िन्दगी : हमे समझ न आई.अबसमझने की व्यर्थ कोशिश त्याग चूका हूँबस जी रहा हूँ....ज़िन्दगी के संगसमझ गया हूँ.. व्यर्थ है इसे समझने की कोशिशएक ही मूल है : ज़ि... |
लाल-पीला-लाललाल-लाल-लालएक चेहरा सजाताएक रंग से भरतादूजा चेहरा बिगड़ जाताकशमकश में,कई लम्होंकई घंटोंकई दिनों कोव्यर्थ कर गया था.एक ही रंग सेरुबिक के सारे चेहरेसजा न पाया था..नाराज़ होताबड़तोड़ घुमासबकुछ बिगाड़ दिया..कमरे के एक कोने मेंफेंक निकल आया था सहसा,आज फिररूबरू ह... |
की फर्क पेंदा है? कोई तकियाकलाम नहीं है ये मेरा. न जाने क्यूँ बार-बार इस्तमाल कर जाता हूँ. निर्भया की घटना हुई और फिर जब इस्लामाबाद में नन्हे फरिस्तोंका खून हुआ, मन बहुत खिन्न हुआ, देश में बवाल मची. एक ही बात ज़हन में उठी :की फर्क पेंदा है. देश में एक लहर उठती हैऔर फिर सब... |
creditsकभी कभी लिखने के लिए हमे कोई प्रेरणा नहीं मिलती. कितने भी शब्दों को कुरेदो, गुद्गुदावो, समेटो, शब्द स्याही से उतर कर पन्नों पर आते ही नहीं हैं और कभी एक नन्हा सा झोंका अलसाया सा आता है और जहन में दूर तक समां जाती है. अब देखिये न indibloggerको ही, एक नन्हा सा झोंका Start A New Lifeन जाने कैस... |
पार्क के उस कोने में जहाँ झुरमुट को ढालते जंगली पौधों के कई झाड उगे थे, उसी के पीछे एक बडे से पेड़ पर ओट लगाये कई सपने देखे थे हमने. बड़ा सा वो पेड़ अपनी बड़ी बड़ी भुजावों को पत्तों से ढापे पार्क के बड़े से उस हिस्से को छाया से भर देता था. बड़े से तने पर पीठ टिकाये हम दोनों ने न जान... |
नए साल की ढेरों शुभकामनायेimage credits...... |
खुशियाँ, बड़ी अजीब होती है,बडे बडे डब्बों मेंढेर सारी खुशियाँ मांगोठेंगा दिखा कर हंस देती हैं.पूछो तो कहेंगीबडे लालची हो...एक ही बार मेंइतनी सारी माँगते हो.तुम क्या जहाँ में एक हो?हम क्या सिर्फ तुम्हारे लिए हैं?चलो हटो,बड़ी-बड़ी डब्बों मेंहमे, हम से न मांगो....देख कर ठेंगा उनक... |
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December 25, 2014, 1:08 pm |
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December 25, 2014, 11:56 am |
प्रेरणा:पेशावर में स्कूल के बच्चों पर हुए नरसंहार, हम सभी को झिंझोर गयी. इसके तुरंत बाद सियासत के दावेदारोंpicture creditका कानून बदल कर मौत की सजा सुनाना, नए नए नियमों का लागु करना, चौंकती है . सियासत का एलान करना कि 500 लोगों को मौत की सजा सुनाई जाएगी, सभी आतंकवादीयों का संहार होगा... |
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December 24, 2014, 2:49 pm |
My Inspiration : My Dreamकोरे कागज़ पर जब आढे तिरछे लाइनों को खीच खींच कर ड्राइंग बनाना सीखा तो त्रिकोण के तीनों कोण से प्यार सा हो गया. तीन कोण बनते और उसके ऊपर एक आधा सा सर्कल. कुल मिला के एक पहाड़ से बन जाते. बीच के कोण से दो लम्बी टेढ़ी लाइन खींच हमारी नदी बन जाती. नीले क्रेयोन से आसमान और ... |
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December 24, 2014, 1:58 pm |
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