उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता हज़ारों जुगनुओं से भी अँधेरा कम नहीं होता कभी बरसात में शादाब बेलें सूख जाती हैं हरे पेड़ों के गिरने का कोई मौसम नहीं होता बहुत से लोग दिल को इस तरह महफूज़ रखते हैं कोई बारिश हो ये कागज़ ज़रा भी नम नहीं होता बिछुड़ते वक़्त कोई ब... |
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October 31, 2015, 1:11 am |
जाने क्या ढूँढने खोला था, उन बंद दरवाजों को ....
अरसा बीत गया सुने उन धुंधली आवाजों को ..
यादों के सूखे बागों में जैसे... एक गुलाब़ खिला है ...
आज उस बूढी अलमारी के अन्दर .... पुराना इतवार मिला है ....
कांच के एक डिब्बे में कैद ... कुछ कंचे खरोचों वाले ...
इधर उधर बिखरे हुए .... कुछ आज़ाद इमली ... |
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October 24, 2015, 7:43 pm |
शासनकी बंदूक.....खड़ीहो गई चाँपकर कंकालों की हूक नभमें विपुल विराट-सी शासन की बंदूक उसहिटलरी गुमान पर सभी रहे हैं थूकजिसमेंकानी हो गई शासन की बंदूक बढ़ीबधिरता दसगुनी, बने विनोबा मूक धन्य-धन्यवह, धन्य वह, शासन की बंदूक सत्यस्वयं घायल हुआ, गई अहिंसा चूक जहाँ-तहाँदगने लगी ... |
कमराखाली है औरबत्ती जल रही है।कीडे़-मकोडे़कहीं नहीं दीखते।फिरभी दीवार पर एक छिपकली चल रही है।सेजपर फूलों का गुलदस्ता हैताजाऔर रंगीन ।वहकुछ बोलना चाहता है।फुलवारीमें सारे राज आशकार( प्रकट ) नहीं हुए।वहकमरे में भी कोई भेद खोलनाचाहता है? लेकिनवह कौन है।उसकीबात सुनन... |
रोटी और संसद एक आदमी रोटी बेलता है एक आदमी रोटी खाता है।एक तीसरा आदमी भी हैजो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है।वह रोटी से खेलता हैमैं पूछता हूँ –‘यह तीसरा आदमी कौन है ?’मेरे देश की संसद मौन है।हिन्दी साहित्य में धूमिल के नाम से प्रसिद्ध कविसुदामा पाण्डेय की कविता-‘रोटी औ... |
‘अकालऔर उसके बाद’कईदिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास कईदिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पासकईदिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त कईदिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त दानेआए घर के अंदर कई दिनों के बाद धुआँउठा घर के अंदर कई दिनों के बाद चमकउठीं घर भर की आँखें कई दिनो... |
रामदास चौडी़ सड़क गली पतली थीदिन का समय घनी बदली थीरामदास उस दिन उदास था ।अंत समय आ गया पास था उसे बता यह दिया गया था उसकी हत्या होगी।धीरे-धीरे चला अकेलेसोचा साथ किसी को ले ले फिर रह गया, सड़क पर सब थेसभी मौन थे सभी निहत्थे सभी जानते थे यह उस दिन उसकी हत्या होगी।खड़ा हुआ व... |
आईना The Mirror<!--[if gte mso 9]> Normal 0 false false false EN-US X-NONE X-NONE<![endif]--><!--[if gte mso 9]>... |
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भगवतीचरणवर्मा - आज शाम है बहुत उदास आजशाम है बहुत उदासकेवल मैं हूँ अपने पास ।दूर कहीं पर हास-विलासदूर कहीं उत्सव-उल्लासदूर छिटक कर कहीं खो गयामेरा चिर-संचित विश्वास ।कुछ भूला सा और भ्रमा साकेवल मैं हूँ अपने पासएक धुंध में कु... |
झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई19 नवम्बर 1835-17 जून 1858सुभद्रा कुमारी चौहान – झाँसी की रानी सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थीबूढ़े भारत में आई फिर से आई नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन सत... |
तुलसी का पौराणिक महत्वतुलसी के ऊपर एक पृथक पुराण लिखा जा सकता है, संक्षेप में तुलसी का धार्मिक व औषधि जनित महत्व अपने इस ब्लॉग पर बताने की कोशिश कर रहा हूँ । भारतीयों के लिए यह गंगा यमुना के समान पवित्र है, तुलसी की हिन्दू संस्कृति में धार्मिक महत्व कहकर पूजा ... |
Tag :तुलसी का पौराणिक महत्व
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February 20, 2012, 6:12 pm |
कपीस गौड
सर्व शिक्षा अभियान … शिक्षा सभी के लिए
"निरक्षरता हमारे लिए पाप और शर्मनाक है इसका नाश किया जाना चाहिए।" महात्मा गाँधी
शिक्षा एक ऐसा साधन है जो राष्ट्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में एक जीवंत भूमिका निभा सकता है। यह नागरिकों की विश्लेषण क्षमता सह... |
किसी गाँव में एक किसान को बहुत दूर से पीने के लिए पानी भरकर लाना पड़ता था. उसके पास दो बाल्टियाँ थीं जिन्हें वह एक डंडे के दोनों सिरों पर बांधकर उनमें तालाब से पानी भरकर लाता था.उन दोनों बाल्टियों में से एक के तले में एक छोटा सा छेद था जबकि दूसरी बाल्टी बहुत अच्छी हालत मे... |
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December 6, 2009, 7:33 pm |
[इस आलेख से मेरा उद्देश्य इस पेशे की बारीकियों को दिखाना नही है। अपितु मात्र 'पापारात्सी' (paparazzi) शब्द की व्याख्या करना है।]
पापारात्सी (paparazzi) इतालवी भाषा का शब्द है और इसका उच्चारण पापारात्सी है न की पपराज्जी। इतालवी भाषा में दो बार जेड़ (z) आता है तो वह त + स की आवाज़ उत्पन्... |
पतंग' शब्द बहुत प्राचीन है। सूर्य के लिए भी पतंग शब्द का प्रयोग किया जाता है, कीट-पतंगे आज भी प्रचलित शब्द है। हर इंसान अपने जीवन में ऊँचाइयों को पाने की ख्वाहिशें रखता है, और ये ख्वाहिशें भी कितनी खानाबदोश होती हैं। क्या पता? ऐसी ही एक ख्वाहिश इंसान ने पाली हो, आसमान में ... |
कपीस गौड़
लोकसभा चुनावों में 'जुगाड़पुर' से चमचा पार्टी के अत्यंत लोकप्रिय उम्मीदवार बरसाती लाल के विरूद्व कोई भी उम्मीदवार चुनाव लड़ने को तैयार नहीं था।
ऐसे में छतरी पार्टी ने, जो चमचा पार्टी की मुख्य प्रतिद्वंदी थी, मुंबई के मशहूर फिल्म अभिनेता 'मुन्ना मंकी ख़त' को ... |
महिला-महिला-महिला हर तरफ़ बस आजकल यही शोर हो रहा है, और हो भी क्यों न महिलाओं ने जो अबतक न किया था वो इस बार के लोक सभा चुनावों में सबसे ज़्यादा 59 सीटों पर कब्ज़ा जमाकर कर लिया, इसी के साथ एक बार फिर महिलाओं के लिए एक गर्व करने वाला क्षण आया जबकि मीरा कुमार को सर्व-सम्मति से भा... |
महिला-महिला-महिला हर तरफ़ बस आजकल यही शोर हो रहा है, और हो भी क्यों न महिलाओं ने जो अबतक न किया था वो इस बार के लोक सभा चुनावों में सबसे ज़्यादा 59 सीटों पर कब्ज़ा जमाकर कर लिया, इसी के साथ एक बार फिर महिलाओं के लिए एक गर्व करने वाला क्षण आया जबकि मीरा कुमार को सर्व-सम्मति से भा... |
धर्म की दुकान!
पढ़ाई पूरी कर चुका युवक जब नौकरी न पा सका। तो एक दिन थक-हार कर एक पहुंचे हुए संत के आश्रम में जा पहुँचा। संत को अपनी व्यथा सुनाई, तो संत ने उसे एक रास्ता बताया-
कि हे वत्स-
'घनी' आबादी वाले इलाके में मंदिर खोल लो,
'धर्म' को जीविका से जोड़ लो।
इतना कमाओगे कि सं... |
आज के जीवन का केंद्रबिंदु अधिकांशतः संवेदनहीनता, आपाधापी, स्वार्थपरता और घोर भौतिकतावादी समाज में अपने पड़ोसी से बेहतर जिंदगी जीने की तीव्र इच्छा है, इसलिए समाज में विभिन्नता फैली हुई हैं अरे भई, आपलोग क्या सोचने लगें ! मैं तो रसों की बात कर रहा था, और ये जो रस है वास्तव ... |
हाल ही में एक सभा में वरुण गाँधी ने यह कह कर की "उन्हें अपने हिंदू होने पर गर्व है और वो गीता पर हाथ रखकर कसम खाते है की किसी भी हिंदू पर उठने वाले हाथ को वह कटवा देंगे" ने पूरे देश के राजनीतिक मौहोल को चुनाव से पहले ही गरमा दिया था । दरअसल विश्व के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश... |
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