Blog: रूप-अरूप |
![]() ![]() - जीवन से सारे संबंध धीरे-धीरे विलग क्यों होते जाते हैं ? - अलग होने पर ही नए पत्ते आते हैं। शायद एक दिन मैं भी... - तुम पत्ता नहीं हो मेरे लिए !- तो क्या हूं ?- थोड़ी जड़, थेड़ी मिट्टी, थोड़ा धूप, थोड़ा पानी - कविता है .. - न, बस आग्रह...छोड़ के मत जाना। सहन नहीं होगा। .............. Read more |
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